Wednesday, June 20, 2012

माँ ममता त्याग तपस्या और बलिदान है !


माँ ममता त्याग तपस्या और बलिदान है !
माँ जिंदगी की किताब और अनंत ज्ञान है !!

माँ से सभ्यता संस्कृति और संस्कार है !
माँ से मानवता अपनत्व और संसार है !!

माँ है तो बचपन है स्कूल है हाँथ में दूध की कटोरी है !
माँ है तो ममता है दुलार है निदिया की लोरी है !!

माँ जीवन सवांरती है उसके असंख्य रूप होते है !
माँ जिनके साथ नहीं होती वो ममता के लिए रोते है !!

जबतक बच्चे घर नहीं आते माँ को नींद नहीं आती !
माँ सीने से लगाती है थपकी देकर सुलाती है !!

माँ बच्चो पर आती विपदा सहर्ष हर लेती है !
भूख गरीबी कुटिया में भी जीवन गुजार देती है !!

माँ मरियम फातिमा पन्नाधाय में नजर आती है !
माँ गीता बाईबल और कुरान में नजर आती है !!

इस भौतिकता की आभा में हम परछाई पकड़ने जाते है !
घर में बूढ़े माँ-बाप के लिए कुछ काम सौप के जाते है !!

वो सेवा वो सत्कार कहाँ अहंकार हमारी बाड़ी है !
हम माँ की ममता भूल चुके घर-घर की यही कहानी है !!

माँ के दूध का कर्ज चुकाया नहीं जा सकता !
माँ- बाप का स्थान दूसरा ले नहीं सकता !!

माँ-बाप के आशीषों से लोग जिंदगी की ऊँचाईया छूलेते है !
वो लोग अज्ञानी अहंकारी है जो माँ-बाप से मुंह मोड़ लेते है !!

माँ-बाप का सम्मान करो उन्हें असहनीय शब्द मत बोलो !
माँ-बाप के लिए ब्रिधा-आश्रम के नहीं अपने घर के दरवाजे खोलो !!

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